खोने और पाने का खेल तो देखो.....
नसीब भी उस का कुछ अजीब था .....
उस ने वो खोया जो सिर्फ उस का ही था .
और मैंने वो खोया जो मेरा कभी हो न सका
उस ने कहा था खुश रहा करो ......
अपने एक वादे पर अटल मैं हसता ही रहा
और वो मुझे आज खुश देख कर भी खुश हो न सका
इतना तो यकी मुझे भी था अपनी मोहब्बत पर
कहते थे नज़रे घुमा....चले जायेंगे एक दिन बहुत दूर तुम से
रास्ते में एक बार मिला तो मुह अपना मोड़ न सका
नसीब भी उस का कुछ अजीब था .....
गया था जो बड़े गुरुर के साथ मुझ से दूर
लौटा तो नज़रे मिला के कुछ बोल न सका
वाह जनाब बहुत ही अच्छा लिखा है ।
ReplyDeleteखोने और पाने का खेल तो देखो.....
ReplyDeleteउस ने वो खोया जो सिर्फ उस का ही था .
और मैंने वो खोया जो मेरा कभी हो न सका
Inhi panktiyon ne dil ko choo liya...