Saturday 6 August 2011

फैसला कब दुआए करती है

क्या यकीं करू मैं तेरी दुआओं के असर पर
होता अगर असर तो तू दुआ ही क्यों  करती 

जिन्दगी तो कुछ होती ही है सफ़र की तरह
कभी झरने से बहती है .कभी शिखर पर चढ़ती  है 

ख्वाबो की नजाकत को भी तू देख 
ये बद्दुआओ से भी ये बिखरते है 

ये तेरा भरम भी मुझे बहुत मजबूत सा करता है 
डरता हु तू टूट न जाये कही आंसू मेरे  देख कर 

तू लाख रख यकी अपनी दुआओं  पर 
पर भूल मत के फैसले  कब दुआए करती है

1 comment:

  1. पर भूल मत के फैसले कब दुआए करती है


    Bahut Sahi ...

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