Monday 6 June 2011

अन्ना की गुजरात यात्रा और मोदी सरकार पर आरोप...


एक कहानी 

एक किसान को नया बैल लेना था .....गया बाज़ार ......एक अच्छा सा दिखने वाला बैल देखा ....उस के मालिक ने खूब तारीफ भी की..........किसान ने कहा मैं इस बैल को अपने साथ अपने घर ले जाना चाहता हु .......वो कल सुबह बता दूंगा की ये बैल मैं लूँगा या नहीं......बैल मालिक को आश्चर्य हुआ की रात भर में किसान कैसे बैल की परीक्षा लेगा .. खैर बैल के मालिक ने किसान को अनुमति दे दी.........

सुबह किसान बैल को ले कर वापस ले आया .....और कहा की ये बैल बहुत ही कामचोर व् आलसी है मैं नहीं रख पाउँगा .......

बैल के मालिक को बहुत आश्चर्य हुआ की रात भर में किसान कैसे जान गया की ये बैल आलसी व् कामचोर है ........बहुत मिन्नत की किसान से की बताये की कैसे जाना ...........

किसान ने बताया .........मेरे यंहा बहुत सारे बैल है .....लेकिन उन में २ बैल बहुत ही कामचोर व् आलसी है .......रात को मैं सारे बैल को खुला छोड़ देता हु ......तो इस बैल को भी खुला छोड़ दिया ..........आप का यह बैल सारे अच्छे बैल को छोड़ कर उन २ कामचोर व् आलसी बैल के साथ जा कर बेठ गया और सारी रात उन कामचोर व् आलसी बैल की संगती में ही रहा .........इस से यह बात साबित हो गई की इस बैल को मेरे बहुत सारे अच्छे बैल पसंद नहीं आये .........और ये जा कर बेठा भी तो उन २ आलसी बैल के साथ ....इस से ये बात साफ़ हो गई की यह बैल भी आलसी और कामचोर है.............

कहानी का निष्कर्ष ...............अन्ना साहब को पुरे गुजरात में मोदी सरकार का काम देखने के लिए कोई नहीं मिला और मिले भी तो अग्निवेश और मल्लिका साराभाई.... 

यंहा का निष्कर्ष आप खुद निकाल ले ................

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